शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से राज्य की हवाई कनेक्टिविटी सुधारने के लिए कई अहम मांगें की हैं। उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार, शिमला-धर्मशाला उड़ान सेवा की बहाली और अन्य हवाई सुविधाओं को लेकर तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कांगड़ा हवाई अड्डे के प्रस्तावित विस्तार के लिए राज्य सरकार लगभग 150 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करेगी। इसके लिए 1900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत निर्धारित की गई है, जिसमें से 410 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
न्यूनतम दृश्यता सीमा घटाने और नाइट लैंडिंग की मांग
मुख्यमंत्री ने वर्तमान 5 किमी दृश्यता मानक को घटाकर 2.5 किमी करने और विशेष वीएफआर (Visual Flight Rules) का प्रावधान करने की मांग की, ताकि कम दृश्यता में भी उड़ानों का संचालन संभव हो सके। साथ ही उन्होंने कांगड़ा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा और एएआई-राज्य सरकार-निजी भागीदारी के तहत त्रिपक्षीय समझौते की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने शिमला एयरपोर्ट पर उड़ानों का समय दोपहर 1 बजे से बढ़ाकर शाम 4 बजे तक करने की मांग की, जिससे अधिक फ्लाइट्स चलाई जा सकें। उन्होंने दूसरे एप्रेन के निर्माण की मांग भी रखी ताकि एटीआर 42/600 जैसे विमान भी आसानी से संचालित हो सकें। सीएम सुक्खू ने एलायंस एयर लिमिटेड की शिमला-धर्मशाला-शिमला फ्लाइट को दोबारा शुरू करने की मांग की। साथ ही उन्होंने संजौली, रामपुर, बद्दी और कंगनीधार हेलिपोर्ट को अक्टूबर तक चालू करने की अनुमति देने की अपील की। उन्होंने आरसीएस-उड़ान योजना के तहत जसकोट (हमीरपुर), देहरा (कांगड़ा), ऊना और बिलासपुर में चार नए हेलिपोर्ट को स्वीकृति देने की मांग की है।
