एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनके दुःख-दर्द साझा किए और विभिन्न गांवों में हुए नुकसान का मौके पर जाकर निरीक्षण किया।उन्होंने ग्राम पंचायत पखरैर के देज़ी, थुनाग बाजार, लंबाथाच, जरोल, पांडव शिला, धारजरोल, बायोड, बुंग रैलचौक, शोढाधार, जंजैहली, ढीमकटारू और संगलवाड़ा क्षेत्रों में लोगों की समस्याएं सुनीं।
मंत्री ने लोक निर्माण, जल शक्ति और विद्युत विभाग द्वारा चलाए जा रहे पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और इन कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू स्वयं ग्राउंड जीरो पर जाकर राहत कार्यों की निगरानी कर चुके हैं।
जगत सिंह नेगी ने बताया कि जिन लोगों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 7-7 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जो देश में आपदा राहत के तहत अब तक की सबसे बड़ी राशि है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिमाचल में वन भूमि उपलब्ध होने के बावजूद उसे एफसीए कानून के तहत प्रभावितों को देना संभव नहीं है, परंतु इसके लिए केंद्र सरकार से संशोधन की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि जिनका जीवन वन भूमि पर आधारित है, वे वन अधिकार अधिनियम (FRA) के अंतर्गत भूमि के पात्र हो सकते हैं।
मंत्री ने बताया कि कृषि, बागवानी और राजस्व विभागों के अधिकारी संयुक्त रूप से फसलों और भूमि के नुकसान का मूल्यांकन करेंगे और 2023 के राहत पैकेज के तहत मुआवजा राशि में वृद्धि की गई है। साथ ही, पशुधन की हानि पर मिलने वाले मुआवजे में भी बढ़ोतरी की गई है।
इसके बाद उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निहरी सुनाह और राजकीय महाविद्यालय लंबाथाच का निरीक्षण किया। कॉलेज प्रिंसिपल विक्रम ठाकुर ने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक 395 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है।
केंद्रीय टीम ने सराज में आपदा स्थलों का दौरा कर लिया जायजा, राजस्व मंत्री से की बातचीत
सराज क्षेत्र में हालिया प्राकृतिक आपदा के प्रभावों का अध्ययन करने मंडी पहुंची केंद्रीय बहु-क्षेत्रीय टीम ने पांडव शिला, लंबाथाच, देजी और बगस्याड क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से आपदा से हुए नुकसान और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की। मंत्री ने हिमाचल में लगातार हो रही आपदाओं के कारणों को रेखांकित किया। टीम में एनडीएमए, सीएसआईआर-सीबीआरआई, आईआईटी इंदौर और अन्य संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल थे। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी इस निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे।
इस मौके पर चेत राम ठाकुर (पूर्व अध्यक्ष, मिल्क फेड), जोगिंदर गुलेरिया (निदेशक, एचपीएमसी), विजय पाल (सदस्य, निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग), वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी, तरुण ठाकुर (पूर्व युवा जिला अध्यक्ष), एसडीएम थुनाग रमेश कुमार समेत अन्य जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
