एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में चिट्टे (हेरोइन) की लत ने एक परिवार को तोड़ कर रख दिया। नशे के आदी पति ने अपनी पैतृक संपत्ति तक बेच डाली, जिससे पत्नी और दो नाबालिग बेटियों को भरण-पोषण के लिए संघर्ष करना पड़ा।
पत्नी ने जिला एवं सत्र न्यायालय चक्कर में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत याचिका दायर करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उसने मांग की है कि उसे और दोनों बच्चियों को अलग आवास व मासिक भरण-पोषण दिया जाए और पति को अपनी शेष संपत्ति बेचने से रोका जाए।
कोर्ट का फैसला:
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (जेएमएफसी) विभूति बहुगुणा ने इस मामले में आंशिक रूप से याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश दिया है:
पति विनोद कुमार को पत्नी को ₹5,000 और दोनों बेटियों को ₹2,000-₹2,000 यानी कुल ₹9,000 प्रति माह देने होंगे, याचिका की तिथि से लेकर मुख्य याचिका के निपटारे तक।
संपत्ति की बिक्री पर रोक: प्रतिवादी को अगली सुनवाई तक अपनी संपत्ति बेचने या किसी को हस्तांतरित करने से रोक दिया गया है।
राजस्व विभाग को 4 सितंबर तक प्रतिवादी की संपत्ति का विवरण, स्वामित्व और कब्जे से संबंधित रिकॉर्ड अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
पीड़िता के अनुसार, वर्ष 2017 में शादी के बाद दो बेटियों का जन्म हुआ, लेकिन पति नशे का आदी निकला। वह छह महीने तक शिमला के एक पुनर्वास केंद्र में भी रहा, लेकिन लौटते ही फिर से चिट्टे का सेवन शुरू कर दिया। जिसके लिए चोरियां करने के साथ साथ पैतृक जमीन बेच दी।
