एआरबी टाइम्स ब्यूरो
कुल्लू। बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू द्वारा देवसदन, कुल्लू में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला उपायुक्त तोरूल एस रवीश ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कुल्लू के पारंपरिक हथकरघा उद्योग की सराहना करते हुए कहा कि यहां के बुनकरों ने अपने शुद्ध हस्तनिर्मित उत्पादों से न केवल देशभर में, बल्कि विदेशों में भी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि कुल्लू की वुलन साड़ी अब वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि हथकरघा क्षेत्र गांवों की आजीविका का मजबूत आधार बन चुका है और इस क्षेत्र से कई बुनकरों ने राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।
उपायुक्त ने चिंता जताई कि बुनकरों को उनके परिश्रम के अनुरूप मूल्य नहीं मिल पाता। उन्होंने सुझाव दिया कि बुनकर सेवा केंद्र को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ जुड़कर उत्पादों की बिक्री का दायरा बढ़ाना चाहिए ताकि उन्हें उचित बाजार मूल्य मिल सके।
बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू के उपनिदेशक विनय कुमार ने मुख्य अतिथि का पारंपरिक शाल और टोपी से स्वागत किया। उन्होंने बताया कि यह केंद्र भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हथकरघा) के अधीन कार्यरत है और हिमाचल के बुनकरों को तकनीकी सहायता, डिज़ाइन नमूने, और आधुनिक तकनीक की जानकारी उपलब्ध करवाता है।
विनय कुमार ने जानकारी दी कि जिला कुल्लू में करीब 10,000 बुनकर हैं, और केंद्र उनके लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस कार्यक्रम में सेउबाग पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल और NIFT के पूर्व निदेशक पुनीत सूद, जिला उद्योग केंद्र कुल्लू की प्रबंधक प्रवीण लता, तथा खादी ग्रामोद्योग के विवेक शर्मा सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
समारोह के दौरान हथकरघा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बुनकरों को पुरस्कार प्रदान किए गए। साथ ही वस्त्र मंत्रालय की योजनाओं के लाभार्थियों तथा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।
