एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ ने आज विश्वविद्यालय की गंभीर वित्तीय स्थिति को लेकर माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति को ज्ञापन सौंपा। संघ अध्यक्ष के साथ प्रो. चंद्रमोहन, प्रो. शिवकुमार डोगरा, डॉ. जोगिन्दर सकलानी, डॉ. रामलाल और डॉ. अंजलि भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता की उपेक्षा की जा रही है।
राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए उन्होंने बताया कि समय पर अनुदान जारी न होने से कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसी क्रम में आज कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसमें गैर-शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी शामिल हुए।
डॉ. नितिन व्यास ने जानकारी दी कि देर रात अनुदान से संबंधित फाइल पर सरकार ने हस्ताक्षर किए, जिससे आज सभी कर्मचारियों का वेतन जारी किया गया। हालांकि उन्होंने साफ किया कि आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। जब तक एकमुश्त अनुदान राशि विश्वविद्यालय के खाते में नहीं आती, आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को मात्र 152 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि हर साल वेतन और पेंशन के लिए 240 करोड़ की आवश्यकता होती है। सरकार को प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये अनुदान देना चाहिए, जबकि विश्वविद्यालय खुद के संसाधनों से 100 करोड़ का घाटा वहन कर रहा है। संघ ने मांग की है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए और अनुदान में देरी के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
