एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश ने अपने चिकित्सा इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए शिमला के चमियाना स्थित अटल चिकित्सा सुपर स्पेशियलिटी संस्थान में राज्य की पहली रोबोटिक सर्जरी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा का उद्घाटन किया और पहले ऑपरेशन का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं:
23 करोड़ रुपये की लागत से आंतरिक स्वचालित प्रयोगशाला की स्थापना
11 करोड़ रुपये छात्रावास निर्माण के लिए
शिमला में 3-टेस्ला एमआरआई मशीन की शीघ्र स्थापना की योजना
आईजीएमसी, टांडा, नेरचौक और हमीरपुर में रोबोटिक सर्जरी सुविधाओं का विस्तार
पुराने चिकित्सा उपकरणों को बदलने हेतु 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश
मुख्यमंत्री ने अपने पांच वर्ष पूर्व के निजी रोबोटिक सर्जरी अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह एक विचार के रूप में शुरू हुआ था और अब पूरे राज्य के लिए हकीकत बन गया है। इससे आम आदमी को उन्नत चिकित्सा सेवाएं सुलभ होंगी।
तकनीकी शिक्षा में भी बड़ा बदलाव
सरकार ने तकनीशियन पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाई हैं:
IGMC शिमला में B.Sc. मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया और OT तकनीक की सीटें 10 से बढ़ाकर 50
टांडा मेडिकल कॉलेज में इन्हीं पाठ्यक्रमों की सीटें 18 से बढ़ाकर 50
पेपरलेस लैब की शुरुआत
चमियाना अस्पताल अब राज्य का पहला पेपरलेस सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां मरीजों को अपनी रिपोर्ट मोबाइल पर ही प्राप्त होगी और डॉक्टर उन्हें अपने सिस्टम पर सीधे देख सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने इसे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि हिमाचल प्रदेश जल्द ही उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं के लिए मिसाल बनेगा।
संस्थान के प्राचार्य डॉ. बृज शर्मा ने बताया कि यह मशीन देश की सबसे आधुनिक रोबोटिक मशीनों में से एक है, जो AIIMS दिल्ली के समकक्ष है और PGI चंडीगढ़ में भी उपलब्ध नहीं है। आगामी 6 महीनों में 400 सर्जरी करने का लक्ष्य है।
