
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के रामपुर में किसानों और बागवानों ने लुहरी जल विद्युत परियोजना तथा बेदखली के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन हिमाचल किसान सभा और ट्रैड यूनियनों के संयुक्त बैनर तले हुआ, जिसमें पूर्व विधायक और किसान सभा के सचिव राकेश सिंघा ने विशेष रूप से भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रदेश और केंद्र सरकारें किसानों और बागवानों के हितों की रक्षा में पूरी तरह विफल रही हैं। उन्होंने कहा कि लुहरी परियोजना से निकल रहे प्रदूषण के कारण क्षेत्र की फसलें नष्ट हो रही हैं और निर्माण कार्यों में हो रहे धमाकों से मकानों और खेतों में दरारें पड़ रही हैं।
राकेश सिंघा ने लुहरी परियोजना निर्माता कंपनी SJVN को चेतावनी दी कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो उन्हें सतलुज नदी क्षेत्र को छोड़कर वापस जाना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और सरकारें कंपनियों के पक्ष में खड़ी हो रही हैं, जिससे किसानों को अपनी भूमि और आजीविका बचाना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने आगे कहा कि सेब और दूध उत्पादकों को बचाने के लिए केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे और अमेरिकी आयात पर रोक लगानी होगी। उन्होंने कहा कि 1980 के बाद सारी भूमि जंगल बन गई हैं। जिस पर हाई कोर्ट के बेदखली के आदेश भी आए हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय पर हिमाचल सरकार, माननीय उच्च न्यायालय को समझा नहीं पाई और न ही कोर्ट इसे समझ पाया। उन्होंने बताया कि बुशहर स्टेट के मुजारे 1972 के बाद कुछ मालिक बन गए और लेकिन जो मालिक नहीं बने वे 1980 के बाद जंगल की भूमि बन गई। उन्होंने कहा कि 2000 में सरकार ने जो कानून लाया उसके कुछ गलतियां हो सकती है, लेकिन इसमें किसान बागवानों की कोई गलती नहीं है।
