
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
लाहौल-स्पीति। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज वर्चुअल माध्यम से लाहौल-स्पीति जिला के केलंग में आयोजित हिमाचल जनजातीय महोत्सव 2025 का विधिवत शुभारम्भ किया। यह महोत्सव 16 अगस्त तक चलेगा और प्रदेश का पहला ‘जीरो वेस्ट’ थीम पर आधारित महोत्सव होगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति की कला और संस्कृति अत्यंत विशिष्ट है और इस महोत्सव के माध्यम से पर्यटक इस क्षेत्र की समृद्ध परंपराओं से रूबरू हो सकेंगे। उन्होंने इसे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चेतना की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने व जलवायु परिवर्तन से निपटने के दृष्टिगत राज्य सरकार, केन्द्र सरकार से मिलकर दृढ़ता से कार्य कर रही है। प्रदेश में केन्द्र के सहयोग से वैज्ञानिकों की टीम बादल फटने की घटनाओं के बारे में गहन अध्ययन कर रही है।
36.42 करोड़ रुपये की लागत से पांच पुलों की आधारशिला रखी
मुख्यमंत्री ने शिमला से वर्चुअली उदयपुर उपमंडल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGGSY) चरण-3 के अंतर्गत 36.42 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पांच पुलों की आधारशिला भी रखी। इनमें शामिल हैं:
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चौखंग नाले पर – 35 मीटर सिंगल स्पैन स्टील ट्रस पुल (₹9.93 करोड़)
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चिनाब नदी पर – 49 मीटर डबल लेन स्टील ट्रस पुल (₹9.46 करोड़)
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किशोरी नाले पर – 22 मीटर आरसीसी-टी बीम पुल (₹17.68 करोड़)
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तेलिंग नाले पर – 76 मीटर आरसीसी बीम पुल (₹13.35 करोड़)
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मोरिंग नाले पर – 22 मीटर आरसीसी बीम ब्रिज (₹1.89 करोड़)
महिला सशक्तिकरण और पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला अब महिला सशक्तिकरण का मॉडल बनकर उभर रहा है। यहां के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें हिम-ईरा ब्रांड के तहत शामिल किया जाएगा।
विधायक अनुराधा राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और क्षेत्रीय विकास, बारिश से हुए नुकसान और राहत कार्यों पर चर्चा की। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, उपायुक्त किरण भड़ाना और अन्य अधिकारी भी वर्चुअली उपस्थित रहे।
