एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों के निलंबन से जुड़े मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन के विरोध में हड़ताल पर बैठे शिक्षकों को निलंबित किए जाने के बाद यह मामला अदालत पहुंचा। कोर्ट ने शिक्षा सचिव और स्कूल शिक्षा निदेशक को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि समयसीमा में जवाब नहीं दिया गया, तो प्रार्थियों की ओर से प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा। याचिका प्राथमिक शिक्षक जगदीश शर्मा, संजय, प्रताप ठाकुर और राम सिंह राव द्वारा संयुक्त रूप से दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें बिना उचित कारण के निलंबित किया गया है और सरकार ने उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। शिक्षकों ने यह भी कहा कि उनके मुख्यालय अनावश्यक रूप से दूर-दराज स्थानों पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं, जबकि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में किसी प्रकार की रिकॉर्ड से छेड़छाड़ का कोई मामला नहीं बनता। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी।
10 शिक्षक किए गए हैं निलंबित
उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल को प्राथमिक शिक्षकों ने शिक्षा विभाग की नीतियों के विरोध में चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया था, जिसकी सूचना पहले ही विभाग को दी गई थी। इसके बावजूद, विभाग ने 10 शिक्षकों को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई गई। अब यह शिक्षक शिक्षा निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि प्राथमिक शिक्षकों के पदों में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। वे मांग कर रहे हैं कि मुख्य शिक्षक, केंद्र मुख्य शिक्षक और खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों की प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां यथावत रखी जाएं।