एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। प्रधानमंत्री सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय समीक्षा बैठक अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि अब तक 475 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। एडीसी अभिषेक वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायत स्तर तक योजना का प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
योजना का उद्देश्य और लाभ
अभिषेक वर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने 29 फरवरी 2024 को पीएम सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सौर रूफटॉप प्रणाली के माध्यम से आवासीय घरों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है।
2 किलोवाट तक की प्रणाली के लिए 60% सब्सिडी
2 से 3 किलोवाट की प्रणाली के लिए 40% सब्सिडी
अधिकतम 3 किलोवाट तक की सब्सिडी की सीमा निर्धारित
योजना का संचालन हिम ऊर्जा द्वारा किया जाएगा और बिजली विभाग इसके क्रियान्वयन का कार्य करेगा।
पात्रता की शर्तें
आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
घर की छत सौर पैनल स्थापना के लिए उपयुक्त होनी चाहिए।
घर में वैध बिजली कनेक्शन होना अनिवार्य।
पूर्व में किसी सौर पैनल सब्सिडी का लाभ न लिया हो।
आवेदन की प्रक्रिया
इच्छुक उपभोक्ता को राष्ट्रीय पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
उपभोक्ता राज्य व बिजली वितरण कंपनी का चयन करके आवेदन करेंगे।
पोर्टल उपयुक्त सिस्टम आकार, लाभ कैलकुलेटर व विक्रेता रेटिंग की जानकारी प्रदान करेगा।
उपभोक्ता अपनी पसंद के विक्रेता और सोलर ब्रांड का चयन कर सकते हैं।
वर्तमान सब्सिडी राशि
1 किलोवाट: ₹33,000
2 किलोवाट: ₹66,000
3 किलोवाट या अधिक: ₹85,800 तक की सब्सिडी
पंचायत को मिलेगा प्रोत्साहन
हर सोलर रूफटॉप पर पंचायत को ₹1,000
यह राशि एक बार ही दी जाएगी।
पंचायत प्रतिनिधि अधिक लोगों को प्रेरित करें, तो पंचायत को भी होगा वित्तीय लाभ।
आदर्श सौर गांव को मिलेगा 1 करोड़ रुपए
योजना के मॉडल सोलर विलेज घटक के तहत प्रत्येक जिले में एक गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा।
शिमला जिले से त्यावल, छकड़ेल, नेरवा और सुंदा भौरा गांवों को शॉर्टलिस्ट किया गया है।
सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में सबसे अधिक सौर रूफटॉप लगाने वाले गांव का चयन होगा।
चयनित गांव को 1 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना और देशभर में एक नवीन ऊर्जा मॉडल स्थापित करना है।
मूल्यांकन प्रक्रिया
गांव की जनसंख्या 5,000 या विशेष राज्यों में 2,000 से अधिक होनी चाहिए।
चयन जिला स्तरीय समिति (DLC) की देखरेख में किया जाएगा।
नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी इसकी निगरानी करेगी।
बैठक में जिला परिषद उपाध्यक्ष सुरेंद्र रेटका सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।