एआरबी टाइम्स ब्यूरो
निरमंड। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में विश्व की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में गिनी जाने वाली श्रीखंड महादेव यात्रा 2025 की शुरुआत हो गई है। बुधवार सुबह 5 बजे पहला जत्था भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए रवाना हुआ। यह जत्था 12 जुलाई को श्रीखंड पहुंचेगा। यात्रा 23 जुलाई तक चलेगी और इस दौरान हर दिन अधिकतम 800 श्रद्धालुओं को ही अनुमति दी जाएगी। एसडीएम निरमंड मनमोहन शर्मा के अनुसार अब तक 5,000 से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। पंजीकरण शुल्क 250 रुपए रखा गया है। मौके पर भी श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, लेकिन फिटनेस टेस्ट पास करना अनिवार्य है।
🔹 यात्रा की कठिनाई और ट्रैक रूट
इस यात्रा में श्रद्धालुओं को 32 किमी पैदल खतरनाक और संकरे रास्तों से होकर जाना पड़ता है। रास्ते में बर्फीले ग्लेशियर, चट्टानी पहाड़ और ऑक्सीजन की कमी जैसी कठिनाइयां आती हैं। पार्वती बाग से आगे ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिलती है।
🔹 प्रमुख स्थान और दर्शन स्थल
श्रद्धालु यात्रा के दौरान थाचड़ू, भीमडवार, पार्वती बाग, नैन सरोवर जैसे सुंदर और पवित्र स्थलों से गुजरते हैं। पार्वती बाग में प्राकृतिक फूलों का बगीचा यात्रियों को आकर्षित करता है।
🔹 शिव का वास और पौराणिक कथा
श्रीखंड की 18,570 फीट ऊंची चोटी पर करीब 75 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थित है, जिसे भगवान शिव का वास माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव श्रीखंड में आए थे। यहां परिक्रमा और पूजा करने से श्रद्धालुओं को मनवांछित फल मिलता है।
🔹 प्रशासन की तैयारियां पूरी
श्रीखंड यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए सिंहगाड़, थाचड़ू, कुनशा, भीमडवार और पार्वती बाग में पांच बेस कैंप बनाए गए हैं। इन बेस कैंपों में स्वास्थ्य जांच, ठहरने और भोजन की व्यवस्था के साथ मेडिकल टीमें, ऑक्सीजन सिलेंडर और रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं।
