एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन उन्होंने थुनाग, बगस्याड़, देजी और स्यांज गांवों का दौरा कर क्षति का जायजा लिया और पीड़ितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है। हिमाचल प्रदेश की 68% भूमि वन क्षेत्र में आती है, इसलिए केंद्र सरकार से अनुमति लेकर प्रभावित परिवारों को वन भूमि पर बसाने की योजना बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के लिए ₹7 करोड़ की राशि जारी कर दी है। इससे पहले ₹2 करोड़ की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। साथ ही ₹2 करोड़ लोक निर्माण विभाग (PWD) और ₹2 करोड़ जल शक्ति विभाग को बहाली कार्यों के लिए दिए जाएंगे। ब्लॉक विकास कार्यालय को भी ₹1 करोड़ की राशि बहाल कार्यों में तेजी लाने के लिए दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने पखरार पंचायत भवन में स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और राजस्व अधिकारियों को सभी प्रकार की हानि का तुरंत मूल्यांकन करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन घरों में मलबा भरा है या जो असुरक्षित हैं, उन्हें पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घोषित किया जाए, ताकि अधिकतम मुआवजा दिया जा सके। साथ ही घरेलू सामान और पशुधन की हानि के लिए भी सरकार मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बागवानी और सेब उत्पादकों को हुए नुकसान का विशेष आकलन करने का निर्देश दिया और कहा कि राज्य मंत्रिमंडल जल्द ही एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करेगा।
उन्होंने कहा कि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए थुनाग के फॉरेस्ट्री व बागवानी कॉलेज की अस्थायी कक्षाएं सुंदरनगर में आयोजित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रमुख सड़कों को खोल दिया गया है और गांवों को जोड़ने वाली संपर्क सड़कें युद्धस्तर पर बहाल की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने SDRF कर्मियों से भी बातचीत की और उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। भारतीय सेना के ब्रिगेडियर यजुवेंद्र सिंह ने उन्हें राहत कार्यों की जानकारी दी और बताया कि क्षेत्र में 26 जवान तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना, NDRF, SDRF, पुलिस, होम गार्ड्स और स्वयंसेवकों के योगदान के लिए धन्यवाद किया।
