एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना (OPS) कर्मचारी महासंघ, जिला शिमला के अध्यक्ष कुशाल शर्मा ने राज्य सरकार से मांग की है कि अनुबंध सेवाकाल को पेंशन लाभों में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पूरी तरह लागू करने में सबसे बड़ी बाधा बनता जा रहा है। पेंशन केवल वित्तीय लाभ नहीं, बल्कि यह सामाजिक सुरक्षा है जो कर्मचारी को बुढ़ापे में सम्मानजनक जीवन जीने की सुविधा देती है। अनुबंध सेवाकाल की गणना न होने से विशेषकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी OPS के लाभ से वंचित हो रहे हैं।
महासंघ के पदाधिकारियों—महासचिव नारायण सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय, महिला विंग अध्यक्ष सुनीता मेहता, महासचिव रंजना शेखरी और अन्य सदस्यों ने भी संयुक्त रूप से इस मुद्दे पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि जो कर्मचारी OPS बहाली आंदोलन में अग्रणी थे, उनका अधिकांश सेवाकाल अनुबंध या अस्थायी रहा है।
कुशाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए बताया कि अदालत ने अनुबंध और दैनिक वेतन भोगी सेवाकाल को पेंशन के लिए मान्य ठहराया है, लेकिन फिर भी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि कई कर्मचारियों ने OPS लागू होने के बाद अपनी NPS सदस्यता समाप्त कर दी थी, और सरकार ने उनका नियोक्ता अंशदान भी रोक दिया था। अब अनुबंध सेवाकाल को पेंशन में शामिल न करना दोहरी क्षति के समान है।
महासंघ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अनुबंध सेवा से संबंधित अधिनियम में तत्काल संशोधन कर इस अवधि को पुरानी पेंशन योजना में मान्य किया जाए, ताकि वरिष्ठ कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक पीड़ा से राहत मिल सके।
