एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की बहुमूल्य जल संपदा से राज्य को उसका पूरा हक मिलना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि हिमाचल से पानी बहकर पंजाब और हरियाणा जा रहा है, लेकिन इसके बदले हमें क्या मिल रहा है? उन्होंने एसजेवीएनएल का उदाहरण देते हुए कहा कि यह कंपनी 67,000 करोड़ रुपये की हो गई है, लेकिन हिमाचल को इसका लाभ नहीं मिला। रविवार को न्यू शिमला सेक्टर-5 में 18 करोड़ रुपये की लागत से बनी तीन मंजिला पार्किंग का उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बात कही। इस पार्किंग में 50 से अधिक वाहन खड़े हो सकते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने 1.5 करोड़ रुपये की लागत से एक और नई पार्किंग सुविधा की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार को सत्ता में आते ही 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज और कर्मचारियों की 10,000 करोड़ रुपये की देनदारियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कठिन फैसलों से अब तक 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की है और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा है। शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुधार के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।
सीएम ने कसुम्पटी को पहली बार राज्य कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिलने पर खुशी जताई और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह की सराहना की। उन्होंने विकासनगर में 250 करोड़ रुपये की लागत से बहुउद्देश्यीय भवन बनाने की घोषणा की, जिसमें पार्किंग समेत कई सरकारी कार्यालय होंगे। अनिरुद्ध सिंह ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और कसुम्पटी में 250 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने न्यू शिमला में पुस्तकालय निर्माण और पार्किंग समस्याओं के समाधान का आग्रह किया। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।