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जहूर हैदर जैदी, आईजी |
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मनोज जोशी, डीएसपी |
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को कोटखाई की गुड़िया के रेप और मर्डर मामले से जुड़े सूरज हत्याकांड में आईजी जहूर हैदर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद समेत मोहन लाल, सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और रंजीत सटेटा को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने सभी को सूरज की हत्या समेत अलग-अलग धाराओं में 18 जनवरी को दोषी करार दिया था।
यह है पूरा मामला
सूरज को पुलिस ने गुड़िया की हत्या और रेप मामले में गिरफ्तार किया था। कोटखाई के दांदी जंगल में 6 जुलाई 2017 को 16 साल की गुड़िया का शव बरामद हुआ था। वह 4 जुलाई से लापता थी। घटना सामने आने के बाद मामले की जांच के लिए आईजी जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई। एसआईटी ने मामले में सूरज समेत कुछ आरोपियों को पकड़ा और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि इन्होंने गुड़िया की रेप के बाद हत्या की। लोग पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे और केस सीबीआई को सौंपने की मांग की। 15 जुलाई को सरकार ने केस सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया। इस बीच, 18 जुलाई की रात को आरोपी सूरज की लॉकअप में मौत हो गई। पुलिस ने दावा किया कि सूरत और एक अन्य आरोपी राजू के बीच झगड़ा हुआ और सूरज की मौत हो गई। पुलिस ने राजू के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर दिया। 22 जुलाई को सीबीआई ने गुड़िया रेप और मर्डर केस में मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। दिल्ली से पहुंची सीबीआई की टीम गुड़िया रेप-मर्डर केस के साथ-साथ सूरज की मौत की गुत्थी को सुलझाने में जुट गई। सीबीआई जांच में पुलिस की कहानी झूठी निकली और पता चला कि सूरज की मौत पुलिस के टॉर्चर से हुई थी। 29 अगस्त को सीबीआई ने आईजी समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। नवंबर में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई। सात साल सूरज की हत्या मामले में उसके गुनहगारों को सजा हुई।