एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो दिवसीय राष्ट्रीय राज्य विश्वविद्यालय बैठक शिमला में हुई। बैठक में मुख्य रूप से राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने, छात्रों को राष्ट्र निर्माण और शिक्षा की ओर प्रेरित करने, तथा छात्र संघ चुनावों में मर्यादित परंपराओं के तहत भागीदारी जैसे विषयों पर चर्चा हुई। आशीष चौहान ने अपने संबोधन में शैक्षिणक संस्थानों को सशक्त करने की बात कही।
सह संगठन मंत्री गोपाल नायक ने बताया कि परिषद का उद्देश्य केवल आंदोलन नहीं, बल्कि छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास है। उन्होंने चार प्रमुख गतिविधियों की समिति—विकासार्थ विद्यार्थी, सेवार्थ विद्यार्थी, खेलो भारत, और राष्ट्रीय कला मंच—की स्थापना का प्रस्ताव रखा जिससे छात्रों में सामाजिक चेतना, सेवा भाव, खेलों के प्रति रुचि और कला को मंच मिल सके। डॉ. निधि त्रिपाठी ने विश्वविद्यालयों में अपरिचित स्वतंत्रता सेनानियों पर अध्ययन मंडलों के माध्यम से संगोष्ठियां और पुस्तकों के प्रकाशन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन करते समय आम छात्रों के साथ सार्थक संवाद आवश्यक है, जिससे आंदोलन जनभावनाओं के अनुरूप और प्रभावशाली बन सके। बैठक में अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार, सह संगठन मंत्री गोपाल नायक, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. निधि त्रिपाठी और राज्य विश्वविद्यालय राष्ट्रीय संयोजक अम्बा दास सहित विश्वविद्यालयों से आए लगभग 130 कार्यकर्ता उपस्थित हुए।