
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विज्ञान, कला और खेल महाविद्यालय जैसे विशिष्ट संस्थानों की स्थापना की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा कि प्राथमिक स्तर पर नामांकित सभी बच्चे उच्च शिक्षा भी पूरी करें।
उन्होंने महाविद्यालयों और विभिन्न विषयों के युक्तिकरण पर बल देते हुए विभाग को विस्तृत अध्ययन करने और अगले सत्र से आवश्यक बदलाव लागू करने को कहा। उन्होंने रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि विभाग ऐसे नए विषयों की पहचान करे जिनमें निकट भविष्य में बेहतर रोजगार की संभावना हो। इसके साथ ही महाविद्यालयों की ग्रेडिंग का कार्य जल्द पूरा करने को कहा, ताकि आवश्यक स्टाफ और बुनियादी ढांचे की जरूरतों को समय पर पूरा किया जा सके।
शिक्षा विभाग में जल्द भरे जाएंगे खाली पद
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। उन्होंने स्कूली पाठ्यक्रम में राज्य-विशिष्ट विषय-वस्तुएं शामिल करने का भी निर्देश दिया, जिससे विद्यार्थी अपने राज्य और परिवेश के बारे में गहराई से जान सकें। बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है। फिलहाल आठ स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। साथ ही 56 मौजूदा स्कूलों को डे-बोर्डिंग स्कूलों में अपग्रेड करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। इन स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं, पौष्टिक आहार, खेल, योग और अन्य गतिविधियां शुरू कर विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ माहौल प्रदान किया जाएगा।
पठन कौशल में सुधार, देश में 5वें स्थान पर पहुंचा हिमाचल
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के ढाई वर्षों के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। एएसईआर 2024 रिपोर्ट के अनुसार विद्यार्थियों के पठन कौशल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जबकि एनएएस सर्वेक्षण में हिमाचल ने देश में 5वां स्थान हासिल किया है। वर्ष 2021 में यह 21वें स्थान पर था। मुख्यमंत्री ने संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ मॉक टेस्ट अनिवार्य करने और जीरो पीरियड सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, शिक्षा सचिव राकेश कंवर, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
