एआरबी टाइम्स ब्यूरो
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि राज्य सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए चार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में कृषि आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
मंत्री धर्माणी ने जानकारी दी कि:
आईटीआई नादौन में कृषि
आईटीआई घुमारवीं व ठियोग में बागवानी
आईटीआई शाहपुर में पशुपालन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले केवल डिग्री और उच्च शिक्षा स्तर पर ही ऐसे पाठ्यक्रम उपलब्ध थे, लेकिन अब आईटीआई स्तर पर भी ये कोर्स युवाओं को खेती-बाड़ी से जोड़ने में सहायक होंगे। यह पहल युवाओं को आधुनिक कृषि, बागवानी और पशुपालन में प्रशिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
राजेश धर्माणी बिलासपुर के कन्दरौर में डेरीका फार्म प्राइवेट लिमिटेड के उद्घाटन अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने डेरीका फार्म को एक प्रदर्शनी फार्म (डैमोन्स्ट्रेशन फार्म) के रूप में विकसित करने का आग्रह किया, जिससे छात्रों और किसानों को लाभ मिल सके। साथ ही सोलर डिहायड्रेशन यूनिट स्थापित करने की भी सलाह दी।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार ने प्राकृतिक खेती में उत्पादित गेहूं का 60 रुपये/किलोग्राम, मक्की का 40 रुपये/किलोग्राम और कच्ची हल्दी का 90 रुपये/किलोग्राम समर्थन मूल्य तय किया है।
डेरीका फार्म की निदेशक सीरत तूर ने बताया कि फार्म के अंतर्गत डेयरी यूनिट, दुग्ध प्रसंस्करण, रेस्तरां, मिठाई की दुकान, बेकरी और मशरूम उत्पादन इकाई चलाई जा रही है। इससे अभी तक 20 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और करीब 100 किसान फार्म से जुड़ चुके हैं।
प्रबंध निदेशक संजीव ठाकुर ने सभी अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा, जिला पार्षद गौरव शर्मा समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
