एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी/ शिमला। अब MBBS में दिव्यांगजन को दाखिला केवल उनकी दिव्यांगता प्रतिशतता के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी पाठ्यक्रम को पूरा करने की क्षमता के आधार पर मिलेगा। इसके लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, सेक्टर-32, चंडीगढ़ का प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है।
अटल मेडिकल एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (AMRU) ने नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के नए दिशा-निर्देशों को लागू करते हुए यह बदलाव किया है। केवल UDID कार्ड होना पर्याप्त नहीं होगा। जिला स्तर पर जारी दिव्यांगता प्रमाणपत्र अब मान्य नहीं हैं, क्योंकि उनमें केवल प्रतिशतता ही दर्शाई जाती है।
🩺 दिव्यांग छात्रों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश:
केवल चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज का प्रमाणपत्र मान्य होगा।
प्रमाणपत्र के अनुसार ही अंतिम दाखिला मिलेगा।
पांच प्रतिशत सीटें दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित हैं।
पात्र न होने की स्थिति में ये सीटें सामान्य कोटे में जुड़ जाएंगी।
🏫 हिमाचली कोटे में भी बदलाव:
AMRU ने हिमाचली बोनाफाइड उम्मीदवारों के लिए भी नियम कड़े कर दिए हैं। अब हिमाचली कोटा पाने के लिए 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं में से कम से कम दो कक्षाएं हिमाचल से पास होना अनिवार्य है। वहीं, गैर-हिमाचली सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को कोटा पाने के लिए 11वीं व 12वीं हिमाचल से पढ़नी होगी।
🌐 NRI कोटे में सख्ती:
अब NRI कोटा केवल एनआरआई और उनके बच्चों के लिए ही मान्य होगा। उनके किसी अन्य रिश्तेदार को यह लाभ नहीं मिलेगा। प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 20 सीटें NRI कोटे के अंतर्गत आती हैं।
🎓 MBBS और BDS काउंसलिंग शुरू:
AMRU ने काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो 26 जुलाई दोपहर 2:00 बजे तक चलेगी। हिमाचल के 6 सरकारी और 1 निजी मेडिकल कॉलेजों की लगभग 725 MBBS सीटों के लिए काउंसलिंग होगी। इसमें से 85% सीटों पर राज्य स्तरीय काउंसलिंग AMRU की ओर से 15% सीटें ऑल इंडिया कोटे के तहत, BDS में सरकारी 62 और निजी कॉलेजों की 185 सीटों के लिए काउंसलिंग AMRU करेगा।
