एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। रेडियोलोजिस्ट की तैनाती के बावजूद भी महात्मा गांधी सेवा चिकित्सा परिसर, खनेरी में सैंकड़ों मरीजों को अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं मिल रही है। यहां केवल गर्भवती महिलाओं को ही यह सुविधा दी जा रही है, जबकि अन्य मरीज निजी क्लीनिकों में महंगे दामों पर अल्ट्रासाउंड करवाने को मजबूर हैं।
चार जिलों — शिमला, कुल्लू, किन्नौर और मंडी — को स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले इस अस्पताल में तैनात रेडियोलोजिस्ट दो माह से मेडिकल अवकाश पर हैं। ऐसे में गरीब और दूर-दराज से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निजी क्लीनिकों में एक अल्ट्रासाउंड की कीमत ₹800 से ₹2000 तक वसूली जा रही है।
गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड की जिम्मेदारी छह माह का कोर्स कर चुके चिकित्सक(सोनोलोजिस्ट) को दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने अन्य मरीजों के लिए इस अस्थायी व्यवस्था को मान्यता नहीं दी है। विभाग की यह अनदेखी मरीजों पर भारी पड़ रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेडियोलोजिस्ट की नियुक्ति के बावजूद उनके बार बार छुट्टी पर रहने से विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। इससे प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग के ‘घर द्वार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं’ देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
अस्पताल के एमएस डॉ. रोशन कौंडल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि फिलहाल सिर्फ गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड सुविधा मिल रही है, अन्य मरीजों को यह सुविधा नहीं दी जा रही है।