एआरबी टाइम्स ब्यूरो
कांगड़ा। कांगड़ा पुलिस ने चिट्टा तस्करी में संलिप्त सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक पुलिसकर्मी और एक सरकारी विभाग का चालक भी शामिल है। ये सभी एक किराये के मकान से नशे का अवैध कारोबार चला रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए तीन दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि टांडा (राजपुर) में कुछ लोग चिट्टे की तस्करी में संलिप्त हैं। इस पर पुलिस ने आरोपियों पर नजर रखना शुरू किया और किराये के मकान पर छापा मारकर मौके से 12.22 ग्राम चिट्टा बरामद किया।
गिरफ्तार आरोपियों में बंटी (35) निवासी वार्ड-13, पालमपुर, राकेश कुमार (35) निवासी खलेठ, रिंपु कुमार (45) निवासी मोहरला (चालक, खेल विभाग शिमला), मनीत कुमार (35) निवासी वार्ड-2, पालमपुर, अक्षय कुमार (27) निवासी वार्ड-13, होल्टा, पालमपुर, अक्षय शर्मा (35) निवासी तरेहल, बैजनाथ, संदीप कुमार (33) निवासी चुदरेहड़ (पुलिस कर्मी) शामिल है। पुलिस ने बताया कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं और चिट्टा सप्लाई कहां से किया जा रहा था। आगे की पूछताछ में कई और खुलासे होने की संभावना है।
सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पर सवाल
इस मामले में पुलिस कर्मी संदीप कुमार की संलिप्तता चौंकाने वाली है। पुलिस पहले से ही इस पर नजर रखे हुए थी और पूर्व में भी इसे पकड़ने के प्रयास हो चुके थे। इस मामले ने सरकारी तंत्र में फैले नशे के नेटवर्क को उजागर कर दिया है। यह पहला मौका नहीं है जब सरकारी कर्मचारी इस अवैध कारोबार में पकड़े गए हैं। इससे पहले पुलिस एक पटवारी, एक एमबीबीएस चिकित्सक और जिला कल्याण विभाग के टैक्सी चालक को भी चिट्टा तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। सरकारी कर्मचारियों की इस तरह की संलिप्तता प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
नशे की बढ़ती समस्या और पुलिस की सख्ती
हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। पुलिस लगातार इस तरह के मामलों पर नजर बनाए हुए है और नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। हालांकि, सरकारी कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों की इस तरह की संलिप्तता से यह स्पष्ट होता है कि नशे के खिलाफ लड़ाई में सिस्टम के भीतर ही कई कमजोर कड़ियां मौजूद हैं।