एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। राज्य सरकार अब पांच किलोमीटर के दायरे में कम बच्चों वाले हाई और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में मर्ज करने जा रही है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके तहत, 20 बच्चों की संख्या वाले हाई स्कूलों और 25 की संख्या वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। लड़के और लड़कियों के कम संख्या वाले स्कूलों के विलय पर पर भी निर्णय लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में सिंगल डिजिट में दाखिले वाले 9वीं से 12वीं कक्षा वाले स्कूलों को बंद करना आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों के दाखिलों से संबंधित सारी जानकारी जुटाकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने की बात कही। उन्होंने स्कूलों के विलय के लिए एक कॉमन गाइडलाइन बनाने के निर्देश भी दिए हैं, जो प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों तक लागू होगी। वित्त विभाग की सिफारिशों के आधार पर यह गाइडलाइन बनेगी। इसके साथ ही, स्कूलों और उच्च शिक्षा निदेशालयों में स्टाफ आवंटन के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा, शून्य दाखिलों वाले सात डिग्री कॉलेजों को बंद करने का निर्णय भी लिया गया है। इनमें गलोड, टौणीदेवी, बसदेहडा, ज्यूरी, नारग और काजा कॉलेज शामिल हैं।
वोकेशनल शिक्षकों की मांगों काे लेकर गंभीर
बैठक में वोकेशनल शिक्षकों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाना चाहिए और सरकार उनकी मांगों का समाधान निकालने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि राज्य में हर साल वोकेशनल शिक्षकों की भर्तियां हो रही हैं और वर्तमान में लगभग 2100 शिक्षक कार्यरत हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर एचपीयू के साथ जल्द बैठक करने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में पाठ्यक्रम और अन्य प्रावधानों को उच्च शिक्षा में लागू करने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।