एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को ओकओवर से 50 मेधावी विद्यार्थियों को 11 दिवसीय शैक्षणिक अध्ययन पर कंबोडिया और सिंगापुर के लिए रवाना किया। हिमाचल के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को विदेश भ्रमण पर भेजा गया। ये बच्चे 17 फरवरी को वापस लौटेंगे। विद्यार्थी दोनों देशों में न केवल ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण करेंगे, बल्कि वहां की संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों, वास्तुकला, विज्ञान और तकनीकी विकास को भी जान पाएंगे। मुख्यमंत्री ने बच्चों को टेबलेट और किट भी वितरित की। सभी को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा बच्चे देश का भविष्य हैं। आपके सपने आपकी शिक्षा और आपका ज्ञान ही भारत को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाएगा। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि सीखने के साथ-साथ दुनिया को एक नए नजरिए से देखने का सुनहरा अवसर है। यात्रा न केवल बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक होगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाला नागरिक भी बनाएगी।
अगले साल 100 बच्चों को भेजा जाएगा विदेश भ्रमण पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल 100 मेधावी बच्चों के साथ-साथ अनाथ बच्चों को विदेश भ्रमण पर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रुप में अपनाया है और 27 वर्ष तक उनकी पढ़ाई और देखभाल की जिम्मेदारी सरकार का कानूनी दायित्व है। सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। ये फैसले आने वाले समय में प्रदेश में स्कूली और उच्च शिक्षा को नई दिशा देंगे।
नए संस्थान खोलने के बजाय उनमें सुविधाएं जुटाने का प्रयास
राज्य सरकार पिछली भाजपा सरकार की तरह नए संस्थान खोलने की बजाय उनमें सुविधाएं जुटाने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने 200 शिक्षकों को सिंगापुर की एक्सपोजर विजिट पर भी भेजा था, ताकि दुनिया की बेस्ट टीचिंग प्रेक्टिस को हिमाचल में लागू किया जा सके। सरकार शिक्षकों को देश के बेस्ट शिक्षण संस्थानों से उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए कदम उठा रही है ताकि शिक्षा व्यवस्था को सुधारा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के लिए पहली कक्षा सें अंग्रेजी मीडियम शुरू किया है। इसके अतिरिक्त राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
31 मार्च तक कोई भी स्कूल बिना अध्यापक नहीं रहेगा : रोहित
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में शिक्षा का 60 प्रतिशत बजट भी खर्च नहीं कर पा रही थी, जबकि कांग्रेस सरकार ने दो साल में 95 प्रतिशत से अधिक बजट शिक्षा पर खर्च कर रही है। शिक्षा में सुधार के लिए खाली पद भरे जा रहे हैं। अब तक 3000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती बैचवाइज की जा चुकी है और अन्य पद राज्य चयन आयोग के माध्यम से भरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक कोई भी स्कूल बिना अध्यापक के नहीं रहेगा।