Shimla: किसान संगठनों की मांग जमाबंदी में नाम दर्ज तो न मानी जाए वन भूमि

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शिमला में सेब उत्पादक संघ, संयुक्त किसान मंच, और किसान सभा के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। बैठक में किसानों-बागवानों के समक्ष आ रही विविध समस्याओं पर विस्तार से मंथन हुआ।

🔹 सरकार किसानों के हित में करेगी निर्णय

राजस्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों और बागवानों के साथ खड़ी है और उनके हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन एवं राजस्व जल्द ही संगठनों के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे।

🔹 वन भूमि को लेकर उठे मुद्दे

किसान संगठनों ने मांग की कि जिन गांवों की भूमि पर लोगों की जमाबंदी में नाम दर्ज हैं, उन्हें वन भूमि न माना जाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि निशानदेही और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही बेदखली की कार्रवाई होनी चाहिए।

🔹 लंबित मामलों में पैरवी की मांग

प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से न्यायालयों में लंबित मामलों में किसानों के पक्ष में सशक्त पैरवी करने की भी मांग की।

🔹 बैठक में उपस्थित प्रमुख प्रतिनिधि

बैठक में विधायक हरीश जनारथा, पूर्व विधायक राकेश सिंघा, अतिरिक्त मुख्य सचिव कमलेश कुमार पंत, संयुक्त किसान मंच संयोजक हरीश चौहान, किसान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह तनवर, किसान उत्पादक संघ अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर, संयुक्त सचिव राजस्व अनिल कुमार, और संयुक्त निदेशक जनजातीय विकास कैलाश चौहान समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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