Shimla: हिमाचल कैबिनेट के बड़े फैसले: जल रक्षक होंगे पंप अटेंडेंट, सेब खरीद ₹12 प्रति किलो

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

👉 जल रक्षक बनेंगे पंप अटेंडेंट:
राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2024 तक 12 वर्ष या उससे अधिक सेवा पूर्ण कर चुके 1,386 पात्र जल रक्षकों को जल शक्ति विभाग में पंप अटेंडेंट के रूप में समायोजित करने की स्वीकृति दी है।

👉 सेब और अन्य फलों की खरीद तय दर पर:
वर्ष 2025 के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) के तहत सेब ₹12 प्रति किलो की दर से खरीदे जाएंगे। इसी योजना के तहत बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा और संतरे ₹12 प्रति किलो, गलगल ₹10 प्रति किलो तथा कच्चा अचारी आम ₹12 प्रति किलो में खरीदे जाएंगे।

👉 आपदा प्रबंधन को मिलेगा नया बल:
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित इस उप-समिति ने राज्य में आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनमें राज्य भर में भवनों की संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट कराना शामिल है, ताकि उनकी आपदा सहनशीलता का आकलन किया जा सके। इन ऑडिट्स के आधार पर भवनों को आपदा-रोधी बनाने हेतु रेट्रोफिटिंग उपाय किए जाएंगे। समिति ने राज्य में भूकंपरोधी और आपदा-सुरक्षित निर्माण को अनिवार्य करने की भी सिफारिश की है। साथ ही SDRF, होम गार्ड्स, फायर सर्विस आदि को HPSDMA से जोड़ना शामिल है।

👉 स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:
18 जिला अस्पतालों और आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में डे-केयर कीमोथेरेपी केंद्रों को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है ताकि कैंसर मरीजों को स्थानीय स्तर पर फॉलोअप इलाज मिल सके। कुल्लू के तेगु-बेहड़ में 50-बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक और कई अस्पतालों में स्वास्थ्य उपकरणों की आपूर्ति को भी स्वीकृति दी गई।

👉 नई RTO और वन्यजीव उद्यान में विकास कार्य:
कांगड़ा के देहरा में एक नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) स्थापित किया जाएगा और दुर्गेश-अरण्य प्राणी उद्यान के पहले चरण के लिए 325 पेड़ों के स्थानांतरण को मंजूरी दी गई।

👉 दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र और ईआरपी सिस्टम:
 मंत्रिमंडल ने नाहन, नालागढ़, मोहल और रोहड़ू में नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने तथा हमीरपुर जिले के जलाड़ी में नया मिल्क चिलिंग सेंटर एवं ऊना जिले के झलेरा में बल्क मिल्क कूलर स्थापित करने का निर्णय लिया। हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन की कार्यप्रणाली में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सॉफ्टवेयर प्रणाली लागू करने का निर्णय भी लिया गया, जिससे सभी आवश्यक जानकारी किसानों को मोबाइल फोन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगी।

👉 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में पदों का युक्तिकरण:
इसके अतिरिक्त, राज्य भर के राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेजों में विभिन्न शिक्षण एवं गैर-शिक्षण पदों के युक्तिकरण को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *