रांची। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू से संबंध रखने वाले जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट के 17वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) के रूप में शपथ ली। उन्हें झारखंड के राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस विशेष अवसर पर झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक अधिकारी और जस्टिस चौहान के माता-पिता भी मौजूद रहे। जस्टिस चौहान इससे पहले हिमाचल हाईकोर्ट में दो बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की भूमिका निभा चुके हैं।
🎓 शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
9 जनवरी 1964 को जन्मे जस्टिस चौहान की प्रारंभिक शिक्षा बिशप कॉटन स्कूल, शिमला से हुई, जहां वे स्कूल कैप्टन भी रहे।
उन्होंने DAV कॉलेज, चंडीगढ़ से ऑनर्स में स्नातक और पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1989 में वकील बने और वरिष्ठ अधिवक्ता लाला छबील दास के चैंबर से वकालत की शुरुआत की। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत करते हुए उन्होंने कानून के लगभग सभी क्षेत्रों में दक्षता हासिल की। वे कई सरकारी विभागों, कंपनियों और बोर्डों के कानूनी सलाहकार भी रहे। वे हाईकोर्ट द्वारा कई महत्वपूर्ण मामलों में कोर्ट मित्र (Amicus Curiae) भी रहे हैं।
🏛️ न्यायिक पदों पर कार्यकाल
23 फरवरी 2014 को हिमाचल हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए
30 नवंबर 2014 को स्थायी न्यायाधीश बनाए गए
5 मई 2014 से Juvenile Justice कमेटी के अध्यक्ष भी रहे
बाल आश्रम, वृद्धाश्रम, अस्पतालों और मानसिक पुनर्वास केंद्रों के लिए कार्य किया
💻 ई-कोर्ट व तकनीकी विकास
हाईकोर्ट की ई-कोर्ट और कंप्यूटर कमेटी के प्रमुख के रूप में उन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों के डिजिटलीकरण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। वे हिमाचल नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 26 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें झारखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद अब उन्होंने विधिवत पदभार ग्रहण कर लिया है।
