शिमला। पंजाब नेशनल बैंक की ढालपुर शाखा (कुल्लू) में हुए 1.83 करोड़ रुपये के फसल ऋण घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए तत्कालीन बैंक मैनेजर अमर सिंह बोध (सेवानिवृत्त) समेत पांच लोगों को जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी आरोपियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर 41 फर्जी केसीसी ऋण स्वीकृत किए।
⛓️ कोर्ट का फैसला:
अमर सिंह बोध (बैंक मैनेजर) – 3 साल की सजा, ₹70,000 जुर्माना
लेख राज, धर्मचंद, ताशी फुंचोग – 4 साल की सजा, जुर्माना
बबली शर्मा (ग्राहक सुविधाकर्ता) – 3 साल की सजा
कुल मिलाकर ₹2.65 लाख का जुर्माना
जुर्माना न देने पर 4 माह अतिरिक्त कारावास
🕵️♂️ मामले की जांच और खुलासा कैसे हुआ?
घोटाले का खुलासा बैंक ऑडिट रिपोर्ट में हुआ, जिसमें 1.83 करोड़ रुपये की फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
CBI ने 11 अप्रैल 2015 को मंडी सर्कल प्रमुख राजीव खन्ना की शिकायत पर IPC की धारा 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया था।
2010–2012 के बीच फर्जी राजस्व दस्तावेज और एनईसी प्रमाण पत्र के आधार पर 41 फसल ऋण स्वीकृत किए गए। इनमें लेख राज और धर्मचंद के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर और फोटोग्राफ लगे थे।
👥 हर आरोपी की भूमिका क्या रही?
अमर सिंह बोध – बिना भूमि निरीक्षण के ऋण स्वीकृत किया
लेख राज और धर्मचंद – फर्जी दस्तावेजों पर लोन लिए
ताशी फुंचोग – जाली प्रभार सृजन रिपोर्ट बनाई
बबली शर्मा – झूठी घोषणाओं की पुष्टि की
📌 अब क्या आगे?
बैंक मैनेजर समेत दोषियों के खिलाफ अन्य 39 मामलों में चार्जशीट पर अभी फैसला आना बाकी है।
