एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। मंडी शहर के टारना, सन्यारड़, विश्वकर्मा पहाड़ी, पुराने आईपीएच भवन और नागार्जुन पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रहे भू-धंसाव की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए आईआईटी मंडी की विशेषज्ञ टीम ने प्रभावित स्थानों का दौरा किया। टीम ने मौके पर जाकर तकनीकी निरीक्षण किया और आवश्यक भू-तकनीकी डेटा एकत्रित किया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम मंडी रूपिंदर कौर, नगर निगम आयुक्त रोहित राठौर, लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
नगर निगम आयुक्त रोहित राठौर ने जानकारी दी कि इन क्षेत्रों में बरसात के दौरान बार-बार जमीन धंसने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने इस संबंध में जिलाधीश मंडी को पत्र लिखकर विशेषज्ञों की टीम की मांग की थी, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आईआईटी मंडी की टीम को आमंत्रित किया गया। आईआईटी मंडी की टीम अब भू-धंसाव के कारणों की गहन जांच कर रही है और आगामी दिनों में एक विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर भू-धंसाव से बचाव के लिए एक स्थायी समाधान और कार्य योजना तैयार की जाएगी। आयुक्त ने बताया कि संभावित समाधानों में जल निकासी व्यवस्था में सुधार, ढलानों की स्थिरता सुनिश्चित करना और दीर्घकालिक भू-तकनीकी उपाय जैसे रिटेनिंग वॉल्स और सुदृढ़ नींव तकनीकों को शामिल किया जा सकता है। संभावना है कि टीम एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर कार्य जल्द शुरू किया जाएगा ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
