Shimla: एमएसपी की गारंटी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा बल, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन, लागत कम—दाम ज्यादा 

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और बागवानी पर आधारित है, जिसमें दो-तिहाई जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़ी है। प्रदेश सरकार ग्रामीण आर्थिकी को मजबूत करने और किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित कर किसानों को उनकी उपज के उचित दाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं।

देश में हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है, जिसने प्राकृतिक उत्पादों पर एमएसपी तय कर किसानों को सीधा लाभ पहुंचाना शुरू किया है। इससे न केवल खेती की लागत घटी है बल्कि किसान स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

उच्चतम एमएसपी की नई दरें:

  • मक्का: ₹30 से बढ़ाकर ₹40 प्रति किलो

  • गेहूं: ₹40 से बढ़ाकर ₹60 प्रति किलो

  • हल्दी: ₹90 प्रति किलो

  • जौ (पांगी घाटी): ₹60 प्रति किलो

🌿 किसानों की ज़ुबानी—एमएसपी ने बदली खेती की दिशा:

🔹 रूपचंद शर्मा (गांव बाग, शिमला ग्रामीण):
“मैंने 1 क्विंटल 5 किलो हल्दी ₹90 प्रति किलो के हिसाब से बेची। यह योजना किसानों के लिए बेहद लाभकारी है। अब मैं अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहा हूं।”

🔹 प्रकाश चंद (गांव कदोग, बसंतपुर):
“4 क्विंटल मक्की बेचकर मुझे ₹12,000 मिले। पहले रासायनिक खेती से मिट्टी खराब हो रही थी, अब प्राकृतिक खेती से पैदावार भी बढ़ी और आय भी।”

🔹 तारा कश्यप (गांव विहार, शिमला ग्रामीण):
“2024 में 80 किलो मक्की ₹30 प्रति किलो के हिसाब से बेची और ₹2400 की आय हुई। सरकार ने हमें हमारी उपज का सही दाम दिया।”

📈 प्राकृतिक खेती की प्रगति व आंकड़े:

  • लक्ष्य: 1 लाख किसानों को जोड़ना

  • अब तक पंजीकरण: 48,685 किसान (22,901 पुरुष, 25,784 महिलाएं)

  • प्रमुख जिलों से जुड़ाव: कांगड़ा (12,424), सिरमौर (5,340), ऊना (5,252), हमीरपुर (4,478), शिमला (4,021)

🌾 फसल खरीद की विस्तृत जानकारी:

खरीफ सीजन 2024-25 (मक्का):

  • कुल खरीद: 3,989 क्विंटल

  • लाभार्थी किसान: 1,509

  • वितरित राशि: ₹1.19 करोड़

  • प्रमुख जिले: कांगड़ा (483 क्विंटल), सोलन (1,145 क्विंटल), मंडी (651 क्विंटल)

रबी सीजन 2024-25 (गेहूं):

  • कुल खरीद: 2,135 क्विंटल

  • लाभार्थी किसान: 838

  • वितरित राशि: ₹1.32 करोड़

  • प्रमुख जिले: कांगड़ा (842.6 क्विंटल), ऊना (416.6 क्विंटल), मंडी (296 क्विंटल)

हल्दी खरीद:

  • कुल खरीद: 127.2 क्विंटल

  • लाभार्थी किसान: 61

  • वितरित राशि: ₹11.44 लाख

  • प्रमुख जिले: कांगड़ा (53.69 क्विंटल), मंडी (29.22 क्विंटल), सिरमौर (20.13 क्विंटल)


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की यह अभिनव पहल न केवल किसानों की आय बढ़ा रही है, बल्कि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नया बल दे रही है। एमएसपी की यह व्यवस्था हिमाचल प्रदेश को देश में एक अग्रणी मॉडल बना रही है।

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