शिमला। हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने एचआरटीसी और बस अड्डा प्रबंधन प्राधिकरण की निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए परिवहन को डिजिटल, पारदर्शी और लाभकारी बनाने की दिशा में चार नई आईटी आधारित डिजिटल प्रणालियों की शुरुआत की। इस अवसर पर ‘हिम बस प्लस’ योजना की भी घोषणा की गई, जो कैशलेस भुगतान और पहचान प्रबंधन को एकीकृत करती है। इस योजना के तहत कार्ड धारकों को एचआरटीसी की सभी बसों (वॉल्वो समेत) में 5% छूट मिलेगी। लॉयल्टी प्रोग्राम के तहत यात्रियों को मासिक यात्रा के आधार पर कैशबैक भी मिलेगा। सुपर लग्जरी बसों के किराये में 15% कटौती के साथ कुल 20% तक छूट का लाभ मिलेगा।
निगम ने चार नई डिजिटल प्रणालियां लागू की हैं:
ऑनलाइन पास सिस्टम – विद्यार्थी, सरकारी कर्मचारी और व्यापारी अब पास के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। पेपरलेस RFID कार्ड भी जारी किए जाएंगे।
डिजिटल निरीक्षण प्रणाली – अब बसों की स्थिति की जानकारी SMS के जरिए भेजी जाएगी।
जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम – शिमला की 82 बसों में जीपीएस आधारित ट्रैकिंग शुरू, जल्द पूरे प्रदेश में विस्तार।
हिम एक्सेस प्लेटफॉर्म – एचआरटीसी के 9,000+ कर्मचारी अपनी जानकारी और वेतन विवरण ऑनलाइन देख सकेंगे।
यात्री सुविधाओं और पर्यटन को बढ़ावा
उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि:
7 करोड़ रुपये से राज्य के बस अड्डों की मरम्मत और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाएगी।
मंडी-भराड़ी में आधुनिक बस अड्डा बनेगा।
ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे ताकि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में आसानी हो।
नई नीतियों और योजनाओं को मिली मंजूरी
शिमला के धार्मिक व पर्यटन स्थलों के लिए टूरिस्ट डे सर्किट शुरू होगा।
वेबसाइट, मोबाइल ऐप और टिकटों पर विज्ञापन के ज़रिए गैर-परिचालन आय बढ़ाने की नीति बनेगी।
ढाबा नीति के अंतर्गत तय ढाबों को यात्रियों की सुविधा और खाद्य सुरक्षा के मानकों पर आबंटित किया जाएगा।
खाकी वर्दी लागू की जाएगी, कर्मचारियों को वर्दी के लिए नकद राशि दी जाएगी।
PPP मोड पर ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे जिससे निगम को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
