एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फिनिक्स अकैडमी, आर्यावर्त इंस्टीट्यूट और हिंद एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में शिमला के गलेन क्षेत्र में 100 पौधों का सफलतापूर्वक रोपण किया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता को प्रोत्साहित करना और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए जनसहभागिता को बढ़ावा देना रहा।
इस कार्यक्रम के दौरान देवदार, बान और खानोर जैसी स्थानीय व पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रजातियों को प्राथमिकता दी गई। ये पौधे हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र में जल संरक्षण, मिट्टी की गुणवत्ता और प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्य अतिथि स्वामी आर्यपुरुष महाराज (स्वामीनारायण मंदिर, कर्णावती) ने वृक्षों को ‘जीवनदाता’ बताते हुए कहा,
“वृक्षों का संरक्षण मानवता की सेवा है। हमें लगाए गए पेड़ों का संरक्षण भी उतनी ही जिम्मेदारी से करना चाहिए।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय सूचना अधिकारी रितेश कपूर ने कहा,
“जलवायु परिवर्तन जैसी आपदाओं से निपटने के लिए प्रकृति के साथ सामंजस्य और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक महीधर ने इस अवसर पर स्वदेशी चेतना और प्रकृति पूजन पर बल देते हुए कहा कि
“प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।”
स्वामी गुरु शंकर महाराज ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा,
“प्रकृति हमारी माता है, और उसका संरक्षण हमारा धर्म है।”
इस अभियान में समाजसेवी, शिक्षक, छात्र और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रमुख प्रतिभागियों में उज्जवल शर्मा, उधम गुलेरिया, अनुज पंत, ललित, भागेश, विरेंद्र शर्मा और विकास गोयल शामिल रहे, जिन्होंने इस सामाजिक कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
