शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसे घोटालों पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य कैबिनेट ने एक नकल रोकथाम विधेयक को मंजूरी दी है, जिसके तहत नकल करने, करवाने या पेपर लीक में शामिल व्यक्तियों को तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी कि यह विधेयक आगामी मानसून सत्र में विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। इसका उद्देश्य भर्ती और चयन परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना और युवाओं के भविष्य के साथ होने वाले खिलवाड़ को रोकना है। यह विधेयक हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग और अन्य संस्थानों में हुए पेपर लीक मामलों को ध्यान में रखकर लाया गया है। पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में संगठित नकल और पेपर लीक के अनेक मामले सामने आए हैं, जिनसे लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य प्रभावित हुआ। सरकार का यह कदम न केवल शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि यह युवाओं में विश्वास बहाल करने की एक बड़ी पहल भी है।
