Himachal : बादल फटने की घटनाओं का होगा वैज्ञानिक विश्लेषण, शिमला में बनेगा राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान

एआरबी टाइम्स ब्यूरो 

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बढ़ती बादल फटने की घटनाएं राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की 9वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से आपदाएं अब लगातार होने वाली घटनाएं बन गई हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में राज्य में 19 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें मंडी में 123% और शिमला में 105% अधिक बारिश दर्ज की गई। इससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को देखते हुए वैज्ञानिक पद्धति से अध्ययन और सुरक्षित निर्माण मानकों की आवश्यकता है। उन्होंने एसडीएमए को सोशल मीडिया में भ्रामक सूचनाओं का खंडन करने और केवल आधिकारिक सूचनाओं को प्रचारित करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि नदियों और नालों से कम से कम 100 मीटर दूर निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार एसडीआरएफ (SDRF) को मजबूत कर रही है और पालमपुर में एक नया परिसर स्थापित किया जा रहा है। हिमाचल लोक प्रशासन संस्थान (HIMAPA) शिमला में राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान कार्य शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 891 करोड़ रुपये की आपदा जोखिम न्यूनीकरण परियोजना लागू की गई है, जो 2030 तक पूरी की जाएगी। इसके अंतर्गत पूर्व चेतावनी प्रणाली और शमन उपायों को मजबूत किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 1260 करोड़ रुपये राहत व पुनर्वास के लिए वितरित किए जा चुके हैं, जबकि 138 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि न्यूनीकरण कोष के तहत दी गई है। सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी परियोजनाएं जलधाराओं से कम से कम 100 मीटर दूर स्थापित करें। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, एसीएस के.के. पंत, सचिव एम. सुधा देवी, डॉ. अभिषेक जैन, एडीजीपी सतवंत अटवाल, अभिषेक त्रिवेदी, विशेष सचिव डी.सी. राणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी।

 

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