एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला के रिज मैदान पर छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण अब 15 जुलाई होगा। पहले प्रतिमा का अनावरण उनके जन्मदिन पर यानी 23 जून को होना था। कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की व्यस्तताओं के चलते तिथि को आगे बढ़ाया गया है। राजा वीरभद्र सिंह फाउंडेशन के अध्यक्ष और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण अब 15 जुलाई को किया जाएगा। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल सहित कई केंद्रीय नेताओं ने समारोह में शामिल होने की इच्छा जताई है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से तिथि बदलने का अनुरोध किया गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। वीरभद्र सिंह की प्रतिमा शिमला पहुंच चुकी है।
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह केवल प्रदेश ही नहीं, देश के सर्वमान्य नेता थे, और इस समारोह में पक्ष-विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि सभी विधायकों, मंत्रियों और प्रदेश सरकार के उच्च पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। विपक्ष के नेताओं को भी व्यक्तिगत रूप से न्योता भेजा गया है और उन्होंने इसमें शामिल होने की सहमति दी है। पीटरहॉफ शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि वह हाल ही में कांग्रेस नेतृत्व को आमंत्रण देने दिल्ली गए थे। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की 23 जून को अन्य कार्यों में व्यस्तता के कारण अब समारोह 15 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि 24 जून को रामपुर राजमहल में वीरभद्र सिंह का चतुर्वार्षिक श्राद्ध है, जिसमें प्रदेशवासियों से शामिल होने का आग्रह किया गया है।
वीरभद्र सिंह 6 बार बने CM, 50 साल से ज्यादा का राजनीतिक अनुभव
वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। उन्होंने पहली बार 1983 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 1990 तक लगातार दो बार इस पद पर बने रहे। इसके बाद वे 1993 से 1998, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इस तरह वह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। वीरभद्र सिंह को कांग्रेस का वरिष्ठतम और लोकप्रिय नेता माना जाता था। उनका राजनीतिक कॅरियर पांच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने केंद्र में भी मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई। वह शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे और जनता के बीच ‘राजा साहब’ के नाम से मशहूर थे। उनके योगदान के कारण उन्हें हिमाचल का निर्माता भी कहा जाता है। उनका निधन 8 जुलाई 2021 को हुआ था।