एआरबी टाइम्स ब्यूरो
सरकाघाट(मंडी)। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने आज मंडी जिला के सरकाघाट उपमण्डल के भरनाल में स्थित दीनबंधु सेवा मण्डल द्वारा संचालित बाल गृह का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों से व्यक्तिगत रूप से संवाद किया, उनकी समस्याएं सुनीं और उनके रहन-सहन व शिक्षा संबंधी जानकारी प्राप्त की।
डॉ. शांडिल ने बच्चों को अनुशासन, ईमानदारी और मेहनत के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और भविष्य में भी उनकी जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मंत्री ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना को राज्य सरकार की एक क्रांतिकारी और संवेदनशील पहल बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य अनाथ, निराश्रित व परित्यक्त बच्चों को “चिल्ड्रन ऑफ स्टेट” का दर्जा देकर संपूर्ण जीवन की जिम्मेदारी उठाना है। यह योजना उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार की सम्पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करती है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर भी भेजा जा रहा है, जो उनके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व निर्माण में सहायक सिद्ध हो रहा है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने इस प्रकार की योजना को कानूनी रूप से लागू किया है।
बाल गृह के दौरे के दौरान डॉ. शांडिल ने बच्चों के मनोरंजन और रचनात्मक गतिविधियों के लिए अपने ऐच्छिक कोष से ₹51,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने बाल गृह में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण भी किया और सुधार हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस मौके पर मंत्री ने दीनबंधु सेवा मण्डल की सेवाओं की सराहना की और संस्था को सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर निदेशक स्वास्थ्य (अतिरिक्त कार्यभार) डॉ. गोपाल बेरी, एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा, डीएसपी संजीव गौतम, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपाली शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी समीर और संस्था के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
