एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला से जिला लाहौल-स्पीति के काजा में एस्ट्रो-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए स्टार गेजिंग सुविधा का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह अभिनव पहल हिमाचल प्रदेश को खगोल-पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकोस्टे) द्वारा संचालित इस परियोजना से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दो स्थानीय लाभार्थियों को उच्च स्तरीय कम्प्यूटरीकृत दूरबीनें (स्काई-वॉचर बीकेडीओबी 8’’ कोलैप्सिबल गोटो) प्रदान कीं। अन्य लाभार्थी वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काजा, लांगजा और रंगरिक जैसे क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोग इस पहल में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, जिनको खगोल観 निरीक्षण के लिए दूरबीन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। स्पीति का स्वच्छ वातावरण, न्यूनतम प्रकाश प्रदूषण और ऊंचाई इसे स्टारगेजिंग के लिए उपयुक्त बनाते हैं। यह प्रयास पर्यटन के एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा और क्षेत्र की आर्थिकी को सशक्त बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इस परियोजना की दीर्घकालिक सफलता के लिए स्थानीय जनजातीय समुदायों, युवाओं, वैज्ञानिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों का सामूहिक सहयोग जरूरी है। उन्होंने स्थानीय होमस्टे संचालकों की भागीदारी और युवाओं की वैज्ञानिक जिज्ञासा की सराहना की।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि इस परियोजना की संकल्पना अगस्त 2023 में मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य विज्ञान और पर्यटन के समन्वय से सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। हाल ही में हिमकोस्टे, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के बीच त्रिपक्षीय समझौता भी किया गया है, जो इस परियोजना की तकनीकी मजबूती और दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करेगा।
इस अवसर पर विधायक अनुराधा राणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, एडीजीपी सतवंत अटवाल, अभिषेक त्रिवेदी, विशेष सचिव डी.सी. राणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।