एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर। हिमाचल प्रदेश पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के अतिरिक्त महासचिव जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सेवानिवृत्त कर्मचारियों के 1100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लंबित है। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए करीब 25 हजार कर्मचारियों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रामपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और एरियर जैसे भुगतान लंबित हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब दो लाख पेंशनर्स हैं, जिनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग पेंशनर ऐसे हैं, जिनके लाखों रुपये के मेडिकल बिल भी सरकार के पास लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने शांतिपूर्ण रैलियों और ज्ञापन के माध्यम से बार-बार सरकार से गुहार लगाई, लेकिन अभी तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मुलाकात हो चुकी है, मगर धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नेगी ने कहा कि सुंदरनगर में आज एसोसिएशन की जिला मंडी इकाई द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी के चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। नई कार्यकारिणी के गठन के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक सेवानिवृत्त कर्मचारी का औसतन 18 से 20 लाख रुपये तथा अधिकारियों के मामले में यह बकाया 40 से 50 लाख रुपये तक पहुंच रहा है।
🟩 मुख्य मांगे:
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बकाया कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और एरियर का शीघ्र भुगतान
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लंबित मेडिकल बिलों का निपटारा
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वरिष्ठ पेंशनरों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाए सरकार
