एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर। किसान बागवान यूनियन रामपुर ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के माध्यम से कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 ग्रामीणों को वन भूमि से बेदखली से बचाने का एकमात्र कानूनी विकल्प है। यूनियन अध्यक्ष बिहारी सेवगी और उपाध्यक्ष वीरेंद्र भलूनी ने जानकारी दी कि अधिनियम को लेकर 8 जुलाई को रामपुर महाविद्यालय के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के राजस्व व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे।
यूनियन ने बताया कि वे अब तक रामपुर उपमंडल में सौ से अधिक जागरूकता बैठकें कर चुके हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ग्रामीणों ने वन अधिकार समितियों के पास आवेदन जमा करवाने शुरू कर दिए हैं।
यूनियन ने कहा कि वर्ष 2006 से पहले जिन ग्रामीणों का वन भूमि पर कब्जा रहा है, उन्हें इस अधिनियम के तहत राहत मिल सकती है, लेकिन इसके लिए ग्रामसभा से मंजूरी लेना जरूरी है, जिसके बाद मामला उपमंडलीय और जिला स्तरीय कमेटियों तक जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह अधिनियम उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है जो वर्षों से वन भूमि पर रहकर जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन मालिकाना हक से वंचित हैं। साथ ही बताया गया कि जिला किन्नौर के कई लोगों को इसका लाभ मिलना शुरू हो चुका है।
यूनियन ने अपील की कि 8 जुलाई की कार्यशाला में अधिक से अधिक लोग भाग लें, ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हो सकें।
