एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों के ट्रेड यूनियन अधिकारों की बहाली व प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की जिला कमेटी शिमला ने बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस पर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व जिला सचिव विजेंद्र मेहरा, लोकल कमेटी सचिव जगत राम, फालमा चौहान, बालक राम सहित अन्य नेताओं ने किया। उन्होंने मांग उठाई कि यूनियन नेताओं पर लगाई गई चार्जशीट, निलंबन व ट्रांसफर तुरंत रद्द किए जाएं और गेट मीटिंग व रैली पर लगी रोक हटाई जाए।
सीपीएम नेताओं ने कहा कि बोर्ड प्रबंधन संविधान व ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 के तहत दिए अधिकारों को कुचल रहा है। यूनियन द्वारा कर्मचारियों की नियमित भर्ती, ओपीएस बहाली, आउटसोर्स कर्मचारियों के स्थायीकरण और उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन को दबाया जा रहा है।
नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर परियोजना में 1000 करोड़ रुपये का बेवजह खर्च कर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जब 13 लाख उपभोक्ताओं को सरकार मुफ्त बिजली दे रही है, तो पुराने मीटर बदलना केवल एक घोटाला है।
उन्होंने 7 अगस्त को शिमला में प्रस्तावित बिजली बोर्ड कर्मचारियों की रैली को समर्थन देने का ऐलान किया और कहा कि यह लड़ाई कर्मचारियों के अधिकारों और जनहित को बचाने के लिए है।
