एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के संध्याकालीन अध्ययन विभाग इकाई ने शिक्षण संस्थानों में लगातार बढ़ रहे यौन उत्पीड़न के खिलाफ ज़ोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में ओडिशा के फकीर मोहन कॉलेज बालासोर की उस भयावह घटना का विशेष रूप से ज़िक्र किया गया, जिसमें यौन उत्पीड़न से पीड़ित छात्रा ने प्रशासनिक उपेक्षा के कारण कॉलेज परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया। वह छात्रा वर्तमान में 90% जल चुकी है और एम्स भुवनेश्वर में भर्ती है।
एसएफआई ने बताया कि छात्रा ने कॉलेज प्रशासन, आईसीसी, स्थानीय पुलिस और कई नेताओं से शिकायत की थी, परंतु सभी स्तरों पर उसे अनसुना किया गया। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश में भी हाल ही में शिमला और सिरमौर में स्कूली छात्राओं के साथ शिक्षकों द्वारा यौन उत्पीड़न की घटनाएं सामने आई हैं। यह स्पष्ट करता है कि छात्राएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं – न तो स्कूलों में और न ही कॉलेजों में।
एसएफआई ने मांग की कि ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री तुरंत इस्तीफा दें, आरोपी प्रोफेसर और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच हो, शिमला के आरोपी शिक्षक को सज़ा दी जाए और सभी संस्थानों में ‘लिंग-संवेदनशीलता समितियों’ का गठन किया जाए।
