एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। त्रिशूल सिक्युरिटी ग्रुप वर्कर्स यूनियन (संबंधित सीटू) इकाई रामपुर के बैनर तले आज श्रम कानूनों को लागू न करने और न्यूनतम वेतन न देने के विरोध में श्रम विभाग रामपुर के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन को सीटू शिमला जिला अध्यक्ष कुलदीप सिंह, निर्माण मजदूर यूनियन के महासचिव दिनेश मेहता, यूनियन अध्यक्ष देविंदर और महासचिव टीटू खन्ना ने संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की “व्यवस्था परिवर्तन” की बातों के बावजूद, मजदूरों का खुलेआम शोषण हो रहा है।
नेताओं ने कहा कि त्रिशूल सिक्युरिटी ग्रुप के माध्यम से नियोजित मजदूरों को न तो सुरक्षा दी जा रही है और न ही मानवीय काम के हालात। मजदूरों को बिना किसी शेड या गुमटी के खुले आसमान के नीचे काम करना पड़ता है।
श्रमिकों को न तो न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है और न ही वेतन स्लिप, ईपीएफ, ईएसआई जैसी सुविधाएं। लगभग ₹8000-₹10000 मासिक वेतन देकर उनसे 12-12 घंटे की ड्यूटी ली जाती है, जो कि श्रम कानूनों का सीधा उल्लंघन है।
2022 से लेकर 2025 तक का ओवरटाइम, बोनस और साप्ताहिक अवकाश की मांग मजदूर कर रहे हैं, लेकिन प्रबंधन ने कोई जवाब नहीं दिया। यूनियन का आरोप है कि जब मजदूर अपने अधिकारों की बात करते हैं, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है या ट्रांसफर कर दिया जाता है।
यूनियन ने यह भी आरोप लगाया कि श्रम विभाग रामपुर को कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दी गईं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यूनियन ने श्रम विभाग को चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द श्रम कानूनों को लागू नहीं किया गया और त्रिशूल सिक्युरिटी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
इस प्रदर्शन में मिलाप नेगी, राजपाल, जगदीश, दीप कुमार, बबलू राणा, सुंदर सिंह, भगवान दास, हरि सिंह, राजू, दयाल, भीम, सुनामोनी, अनूप, राजकुमार, संजीव, ददन यादव, नील चंद, संदीप भंडारी, चंद्रपाल, मनी राम सहित कई मजदूर शामिल रहे।
