एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश दुग्ध उत्पादक संघ के बैनर तले शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों के छह ब्लॉकों के दुग्ध उत्पादकों ने दत्तनगर मिल्क प्लांट परिसर का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। उनकी प्रमुख मांग दूध की कीमत समय पर और उचित दर पर भुगतान सुनिश्चित करने की रही। साथ ही, दुग्ध सोसायटियों को दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए टेस्टिंग मशीनें उपलब्ध करवाने की भी मांग उठाई गई।
इस विरोध प्रदर्शन में माकपा नेता राकेश सिंघा विशेष रूप से शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मिल्क फेडरेशन अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है और यदि इसे नहीं बचाया गया तो दूध उत्पादक समाज भी संकट में आ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो किसान गाय पालकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है, वह समाज का सबसे गरीब वर्ग है और सरकार की प्राथमिकता इनको बचाने की होनी चाहिए।
सिंघा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को वेतन हर माह की सात तारीख को देने का कार्य किया तो पूरे प्रदेश में हाहाकार मच गया था, लेकिन दूध उत्पादकों को दो-दो माह तक भुगतान नहीं किया जाता, जो अन्याय है। साथ ही दूध खरीद में पारदर्शिता की कमी का भी मुद्दा उठाया गया।
दुग्ध उत्पादक संघ ने मुख्यमंत्री और मिल्कफेड अध्यक्ष को भेजे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें रखीं:
दूध का भुगतान हर माह की 10 तारीख से पहले किया जाए।
सभी सोसायटियों को गुणवत्ता मापने के लिए टेस्टिंग मशीनें दी जाएं।
सोसाइटी सचिवों को दूध की गुणवत्ता जांचने हेतु प्रशिक्षण दिया जाए।
अप्रैल 2025 से बढ़े दूध के रेट का एरियर तुरंत दिया जाए।
तकलेच व चाटी क्षेत्रों में दूध कलेक्शन सेंटर खोले जाएं।
जागरूकता शिविरों का आयोजन और सभी सोसायटियों में फीड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मिल्क प्लांट और पशु औषधालयों में खाली पदों को तुरंत भरा जाए।
दूधारू पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान हेतु उन्नत वीर्य, दवाइयां और तकनीक उपलब्ध करवाई जाए।
इस प्रदर्शन में संयोजक प्रेम चौहान, तुला राम, अमित, सुभाष, दिनेश, संदीप, देवेंद्र, हरदयाल, कृष्णा राणा, नीलम, दीपा, शोभा, हेम लता, मेरु देवी और रेखा देवी सहित बड़ी संख्या में दुग्ध उत्पादक मौजूद रहे।
