Rampur Bushahr : प्रोजेक्ट के पाइप में लीकेज, खतरे की जद में 75 परिवार

सुघा-मलोवा गांव के ऊपर प्रोजेक्ट की पाइप में हो रही लीकेज

एआरबी टाइम्स ब्यूरो 

रामपुर बुशहर। शिमला जिले के रामपुर ब्लॉक की सरपारा पंचायत के सुघा और मलोवा गांवों के 75 परिवार खतरे के साए में जिंदगी गुजा रहे हैं। दरअसल, इन गांवों के ऊपर से गुजर रही ग्रीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की मुख्य पाइप में जगह-जगह लीकेज हो रही है। जिससे लगातार पानी बह रहा है। यह पानी पहाड़ी ढलानों में रिसकर मिट्टी को कमजोर कर रहा है और भूस्खलन का खतरा बढ़ा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पाइप लाइन से करीब दो से तीन इंच तक पानी का रिसाव हो रहा है, जो सीधे गांव के नीचे की जमीन में जा रहा है। इस रिसाव के कारण मलोवा और सुघा गांव के लगभग 75 घरों पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। लोग भय के साये में जीने को मजबूर हैं क्योंकि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो कभी भी बड़ी आपदा आ सकती है।

लोग बोले – कई बार की शिकायत, प्रबंधन नहीं ले रहा सुध 

ग्रामीणों की ओर से इस समस्या को लेकर परियोजना प्रबंधन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन ने भी परियोजना प्रबंधन को पाइप लाइन की मरम्मत और इसे सीमेंट से कवर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कंपनी ने इन निर्देशों को नजरअंदाज कर दिया। इस लापरवाही के कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। पाइप लाइन को पहाड़ी ढलानों पर लोहे के एंगल का सहारा देकर स्थापित किया गया है, जो कि स्वयं में एक जोखिम भरा तरीका है। सात से आठ फीट ऊंचाई पर भारी भरकम पाइप लाइनें टंगी हुई हैं, जो ग्रामीणों के लिए हर वक्त एक खतरे की घंटी बनी हुई हैं। यदि पाइप लाइन का कोई भी हिस्सा टूट जाता है, तो नीचे बसे घरों को भारी नुकसान हो सकता है। मामले में ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। प्रशासन के आदेशों को नजरअंदाज करना और ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता न देना, उनकी उदासीनता को दर्शाता है। यदि कोई बड़ा हादसा होता है, तो पूरी जिम्मेदारी कंपनी की होगी। 

2023 में लीकेज के पानी से सड़क को हुआ था नुकसान 

पंचायत के उपप्रधान चुन्नी लाल परशेटका ने बताया कि वर्ष 2023 में भी पाइप में लीकेज के चलते सड़क टूट गई थी। अब फिर से पाइप में लीकेज किसी बड़े हादसे का खतरा है। उन्होंने कहा कि लोग जल्द ही इस सिलसिले में प्रशासन से भी मिलेंगे और लीकेज न रोकने के लिए प्रोजेक्ट प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की यह लापरवाही किसी दिन लोगों की जान को मुिश्कल में डाल सकती है। 

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