एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा 1 अप्रैल से 30 जून 2025 तक त्रैमासिक टांकरी लिपि व संस्कृत भाषा प्रशिक्षण कार्यशाला का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आयोजन किया गया। यह कार्यशाला गेयटी थिएटर के सम्मेलन कक्ष में सम्पन्न हुई।
टांकरी लिपि प्रशिक्षण में कुल 160 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन तथा 36 प्रतिभागियों ने ऑफलाइन भाग लिया। वहीं संस्कृत भाषा प्रशिक्षण कार्यशाला में 179 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और 62 प्रतिभागियों ने ऑफलाइन प्रशिक्षण प्राप्त किया।
ऑनलाइन माध्यम से दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी प्रतिभागियों की सहभागिता रही, जो कार्यक्रम की व्यापकता को दर्शाता है।
टांकरी लिपि का प्रशिक्षण डॉ. किशोरी लाल चंदेल, सहायक प्रोफेसर (इतिहास), राजकीय महाविद्यालय शिमला द्वारा प्रदान किया गया, जबकि संस्कृत भाषा का प्रशिक्षण डॉ. मस्तराम शर्मा, सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक एवं पूर्व सचिव, संस्कृत अकादमी शिमला द्वारा दिया गया।
कार्यशाला के समापन समारोह की मुख्य अतिथि रीमा कश्यप, निदेशक, भाषा एवं संस्कृति विभाग रही। समापन के अवसर पर प्रतिभागियों से कार्यशाला की प्रतिक्रियाएं भी ली गईं, जिसमें उन्होंने इस प्रशिक्षण की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों की पुनरावृत्ति की मांग की।
मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागियों को टांकरी लिपि व संस्कृत भाषा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए गए और सभी को कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी गईं।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक भानु गुप्ता, उपनिदेशक कुसुम संघाई, सहायक निदेशक सुरेश राणा व सुनील ठाकुर, तथा जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा भी उपस्थित रहे।