एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की इकाई एसजेवीएनएल झाकड़ी के उप कमांडेंट कौश्लेंद्र सिंह ने बताया कि सुरक्षा परिदृश्य में हो रहे निरंतर बदलावों के मद्देनज़र CISF अब भारतीय सेना के साथ संयुक्त गहन प्रशिक्षण शुरू कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य बल को “बैटल रेडी” बनाना है, ताकि वह किसी भी असामान्य या उभरते खतरों से सटीक और प्रभावी तरीके से निपट सके।
“बैटल रेडी” की CISF की परिभाषा
CISF के अनुसार “बैटल रेडी” का तात्पर्य है कि बल के जवान देश के रणनीतिक और संवेदनशील स्थानों जैसे:
हवाई अड्डे
परमाणु संयंत्र
सरकारी इमारतें
भारतीय संसद
जैसे स्थलों पर किसी भी ड्रोन हमले, आतंकी गतिविधि, आंतरिक खतरे, या तोड़फोड़ की स्थिति में त्वरित और प्रभावी जवाब दे सकें।
पहली बार पूरा बैच ले रहा है प्रशिक्षण
इस बार पहली बार CISF के पूरे बैच को कश्मीर घाटी में सेना की विशेष इकाइयों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले केवल चुनिंदा जवान ही यह प्रशिक्षण प्राप्त करते थे, लेकिन अब राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए बड़ी संख्या में जवानों को शामिल किया जा रहा है।
प्रशिक्षण के प्रमुख आयाम
नाइट ऑपरेशन (रात्रि अभियान)
जंगल युद्ध (जंगल वॉरफेयर)
नज़दीकी मुकाबला (क्लोज कॉम्बैट)
सहनशक्ति बढ़ाने की ट्रेनिंग (एंड्योरेंस)
यह प्रशिक्षण CISF के शहरी सुरक्षा अनुभव को बेहतर बनाते हुए उन्हें जटिल व उच्च खतरे वाले इलाकों में तैनाती के लिए तैयार करेगा।
चुने गए विशेष “QRT” जवान
इस गहन प्रशिक्षण के लिए CISF की क्विक रिएक्शन टीम (QRT) के जवानों को चुना गया है। चयन के लिए शारीरिक रूप से बेहद सक्षम जवानों की आवश्यकता थी:
उम्र 35 वर्ष से कम
NSG मानकों के अनुरूप बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (BPET) पास करना अनिवार्य
सभी जवान पहले ही 6 माह की इन-हाउस ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं
भविष्य की योजना
भविष्य में इस एडवांस युद्ध प्रशिक्षण को CISF की अन्य यूनिट्स तक भी फैलाया जाएगा, खासकर अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात यूनिट्स से इसकी शुरुआत की जाएगी। मकसद है CISF को शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक रूप से इतना सक्षम बनाना, कि वह देश की सुरक्षा में हर परिस्थिति में अडिग रह सके।
