Shimla: हिमाचल में स्कूल बंद करने का फैसला शिक्षा विरोधी: अभाविप ने किया विरोध तेज

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश ने राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को बंद करने एवं विलय करने के फैसले को शिक्षा विरोधी करार दिया है। प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने तीखा बयान जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार का यह निर्णय ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित करने वाला है।

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद सरकार ने वर्ष 2023 में 286 स्कूल, 2024 में 99 स्कूल और अब 2025 में 70 और स्कूल बंद करने का प्रस्ताव लाया है। यह केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि प्रदेश के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है।

अभाविप की मुख्य आपत्तियाँ:

  • सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा नहीं।

  • ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा तक पहुँच हो रही बाधित।

  • शिक्षकों की नियुक्तियों पर भी उठे सवाल।

  • पिछले ढाई वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में कोई ठोस कदम नहीं।

  • उच्च शिक्षा संस्थानों में रिक्त पदों की अनदेखी।

नैंसी अटल ने कहा कि सरकार स्कूलों को सशक्त बनाने के बजाय उन्हें बंद कर रही है। अभाविप की मांग है कि सरकार इस फैसले को तुरंत वापस ले और हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करेयदि सरकार ने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो विद्यार्थी परिषद प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।

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