एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। राज्य सरकार द्वारा होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा विभाग में 700 होमगार्ड की भर्ती की जा रही है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इन पदों को भरने की मंजूरी दी है और वर्ष 2015 के बाद पहली बार होमगार्ड की भर्ती की जा रही है।
उन्होंने बताया कि भर्ती में लंबे समय से रुकावट के कारण न केवल कर्मियों की भारी कमी हुई है, बल्कि होमगार्ड की तैनाती के अनुरोध को विभाग मांग अनुरूप पूरा नहीं की पा रहा है। आवश्यकता के समय प्रभावी एवं शीघ्र प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए नए होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती की आवश्यकता थी।
प्रवक्ता नेे कहा कि सरकार का यह कदम राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने में मददगार साबित होगा। प्रदेश में होमगार्ड स्वयंसेवकों की कुल संख्या 8000 है। होमगार्ड की कमी के कारण विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों आदि से प्राप्त हो रही उनकी तैनाती की मांग को विभाग पूरा नहीं कर पा रहा था।
उन्होंने कहा कि होमगार्ड विभिन्न कार्यों में पुलिस और नागरिक प्रशासन की सहायता करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी जिम्मेदारियों में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, यातायात नियंत्रण, निर्वाचन ड्यूटी, त्योहारों और बड़ी सभाओं के दौरान भीड़ प्रबंधन इत्यादि शामिल हैं। अक्सर प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं और वनाग्नि के दौरान होमगार्ड प्रतिक्रिया देने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। बहुमूल्य जीवन बचाने तथा व्यवस्था बहाल करने में मदद करते हैं। राज्य सरकार ने नए होमगार्ड स्वयंसेवकों के पारिश्रमिक और अन्य संबंधित लागतों के लिए 24 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। विभाग में जनशक्ति को मजबूत करके, राज्य सरकार का उद्देश्य इसकी क्षमताओं को बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि यह राज्य भर में नागरिक सुरक्षा और सामुदायिक सुरक्षा की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार रहें।