एआरबी टाइम्स ब्यूरो
हरियाणा। हिमाचल और उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब हरियाणा में दिखाई देने लगा है। रविवार शाम 4 बजे हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर 1,78,996 क्यूसेक दर्ज किया गया। यह इस मानसून सीजन में पहली बार है जब यमुना का पानी 1 लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंचा। हालांकि, शाम 6 बजे जलस्तर घटकर 1,19,000 क्यूसेक दर्ज किया गया। हालांकि, पहाड़ों से अधिक पानी आने के कारण ईस्ट और वेस्ट यमुना लिंक नहरों को बंद कर सारा पानी यमुना नदी में छोड़ा गया।
निचले इलाकों में अलर्ट जारी
सुबह बैराज के सभी गेट खोल दिए गए और प्रशासन ने यमुना नदी से सटे इलाकों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया। केंद्रीय जल आयोग ने दिल्ली सरकार को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
कुरुक्षेत्र और यमुनानगर की नदियां उफान पर
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कुरुक्षेत्र के कठवा गांव में मारकंडा नदी का पानी ओवरफ्लो होकर बस्तियों में घुस गया।
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यमुनानगर में सोम नदी का बांध टूटने से सढ़ौरा क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
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सोम नदी के उफान से पुल पर से पानी बहने लगा है।
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अंबाला की टांगरी और यमुनानगर की पथराला नदी का पानी घरों में घुस गया।
दिल्ली तक खतरा
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सोम, पथराला और शुकरों जैसी बरसाती नदियां हथिनी कुंड बैराज के बाद यमुना में मिलती हैं। ऐसे में आगे पानी का स्तर और बढ़ सकता है, जिसका असर पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और दिल्ली तक पड़ेगा।
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लो फ्लड लेवल : 1 लाख क्यूसेक
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मीडियम फ्लड लेवल : 1.5 लाख क्यूसेक
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हाई फ्लड लेवल : 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक
निचले इलाकों के लोग रहें सावधान
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पहाड़ों से आने वाले पानी की मात्रा बढ़ने पर दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ सकता है। लोगों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे या पानी भरे इलाकों में न जाएं।