एआरबी टाइम्स ब्यूरो
कांगड़ा। भारत की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से कश्मीर के पूंछ और राजौरी सेक्टर में लगातार गोलाबारी की जा रही है। इस दौरान जवाबी कार्रवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शाहपुर गांव के रहने वाले सूबेदार मेजर पवन कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए। पवन कुमार राजौरी में तैनात थे और सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता भारतीय सेना में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। पवन कुमार की शहादत की सूचना जब उनके पैतृक गांव शाहपुर पहुंची, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीण, प्रशासनिक अधिकारी और पूर्व सैनिक भारी संख्या में श्रद्धांजलि देने उनके निवास स्थान पर पहुंचे।
सूबेदार मेजर पवन कुमार कई वर्षों से सीमावर्ती इलाकों में तैनात थे और आतंकियों की कई साजिशों को नाकाम कर चुके थे। उन्हें सेना में अनुशासन, निडरता और समर्पण के लिए जाना जाता था। वे न केवल अपने यूनिट के लिए बल्कि देश के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत थे। उनकी शहादत ने सिर्फ उनके परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे शाहपुर, कांगड़ा और हिमाचल को गमगीन कर दिया है। देश ने एक ऐसा सिपाही खो दिया है जिसने अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए।
चिंतपूर्णी मंदिर के निकट मिला रॉकेट का निष्क्रिय अवशेष, जांच में जुटी एजेंसियां
ऊना जिले में चिंतपूर्णी के बेहड़ भटेड़ गांव में बीती रात लगभग 1:30 बजे एक रॉकेट का निष्क्रिय हिस्सा आ गिरा। इस घटना में किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन तेज धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। धमाके के कारण पास के जंगल में आग लग गई, हालांकि, बारिश के चलते आग बुझ गई। स्थानीय निवासियों ने सुबह रॉकेट के टुकड़े को देखकर तुरंत पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही चिंतपूर्णी पुलिस और विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और ब्लैकआउट संबंधी निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया। यह घटना पंजाब सीमा से सटे इलाके में हुई है, जो चिंतपूर्णी मंदिर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है। ऊना प्रशासन पहले से ही पाकिस्तान के संभावित खतरे को लेकर सतर्क था, जिसके चलते रात में ब्लैकआउट किया गया था। ऊना के एसपी राकेश सिंह ने बताया कि बरामद हुआ उपकरण रॉकेट है या मिसाइल, यह स्पष्ट रूप से सेना द्वारा ही बताया जा सकता है। प्रारंभिक जांच में यह निष्क्रिय पाया गया है, लेकिन विशेषज्ञ टीम इसकी गहन पड़ताल कर रही है।
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