
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला के कनलोग क्षेत्र में 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने देवदार का पौधा रोपित किया और राजीव गांधी वन संवर्धन योजना की शुरुआत भी की।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से विभिन्न मंत्रियों और विधायकों से संवाद कर वन संरक्षण के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य प्रदेश की समृद्ध जैव-विविधता को सुरक्षित रखना और स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है।
मुख्य घोषणाएं और योजनाएं:
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राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के अंतर्गत महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सहायता समूह एवं संयुक्त वन समितियां एक से पाँच हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण करेंगी।
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वर्ष 2025 से 2030 तक योजना में 100 करोड़ रुपये का बजट तय।
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इस वर्ष 20 करोड़ रुपये की लागत से 1000-1500 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण।
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प्रत्येक हेक्टेयर के लिए ₹1.20 लाख की वित्तीय सहायता।
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60% फलदार पौधों को प्राथमिकता।
वन महोत्सव का उद्देश्य:
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों को धरती की जीवन रेखा माना जाता है। वन महोत्सव हमें प्रकृति से जुड़ने, पर्यावरण को बचाने और आर्थिक रूप से ग्रामीण समुदायों को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
वित्तीय अनुशासन और परिवर्तन:
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को कार्यशैली में बदलाव लाने और फील्ड में अधिक समय देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार योजनाएं इस तरह बना रही है कि ग्रामीणों को घर के पास ही स्वरोजगार के अवसर मिलें।
वित्तीय सहायता वितरित:
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विभिन्न महिला मंडलों को ₹1 लाख के पौधरोपण सहायता चेक वितरित।
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जाईका परियोजना के अंतर्गत लाभार्थियों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता।
प्रमुख उपस्थितगण:
कार्यक्रम में विधायक हरीश जनारथा, सुरेश कुमार, महापौर सुरेन्द्र चौहान, उपमहापौर उमा कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल, महाधिवक्ता अनूप रतन, तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
